जनता के सुख-दुःख में रहकर रच दिया नया राजनीतिक इतिहास




अंबेडकरनगर (टांडा)।

टांडा के पूर्व विधायक एवं कद्दावर समाजवादी नेता अज़ीमुल्हक़ पहलवान के निधन के महज एक महीने बाद से ही उनके पुत्र ने जिस तरह जनता के बीच रहकर राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया, वह आज पूरे जिले में मिसाल बन चुका है। पिता के न रहने के बावजूद उन्होंने न तो जनता से दूरी बनाई और न ही संघर्ष का रास्ता छोड़ा।

शादी-विवाह हों या ग़म के मौके, जनाज़े हों या बीमारों की सेवा, सामाजिक कार्यक्रम हों या पारिवारिक आयोजन—वे दिन-रात जनता के बीच मौजूद रहकर यह साबित कर चुके हैं कि राजनीति केवल पद या कुर्सी नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और संवेदना का नाम है।

बीते वर्षों में शायद ही कोई ऐसा गांव, मोहल्ला या परिवार हो जहां वे किसी के सुख-दुःख में न पहुंचे हों। उनकी सादगी, निरंतर मेहनत और मजबूत जनसंपर्क ने न सिर्फ टांडा बल्कि पूरे अंबेडकरनगर जिले में भरोसे की राजनीति का एक नया इतिहास रच दिया है।

आज जनता खुलकर कह रही है कि अगर समाजवादी पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव में टांडा सीट पर जीत दर्ज करनी है, तो ऐसे ही जमीन से जुड़े, संघर्षशील और भरोसेमंद चेहरे को आगे बढ़ाना होगा।

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