अब्दुल्लाह शेख
आज़मगढ़– ग्राम नेवादा के अबुल फैज़ खलीली के दो पुत्र अबु ज़ोऐब सात साल और अबु शोरैम 6 साल की उम्र में कुरान-ए-पाक का पाठ मुकम्मल कर लिया। कुरान के सभी तीस पारों (अध्याय) को उच्चारण सहित संपन्न कराने में उनकी मां इमराना खातून और अध्यापिका आसिया खातून का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस उपलब्धि पर मदरसा आएशा लिल बनात कौड़िया में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दुआओं के कार्यक्रम आयोजित किया गया । इसमें अबू ज़ोऐब और अबु शोरैम को उपस्थित बुजुर्गों व परिजनों ने दुआओं से नवाजा। वहीं दोनों बच्चों ने कुरान की सूरह फातिहा पढ़कर सुनाया। पिता हाफिज़ अबुल फैज़ खलीली ने बताया कि यह उनके और उनकी बीवी और खानदान व रिश्तेदारों के लिए सबसे बड़ी खुशी का मौका है। बतादें की वर्तमान में दोनों बच्चे अपने ननिहाल कैड़िया स्थित मदरसा आइशा लिल बनात में कक्षा एक के छात्र हैं। वह अपने बेटे को दीनी और दुनियावी दोनों तालीम दिलाएंगे। उन्हों ने बताया कि कुरान की तालीम हर मुसलमान के लिए जरूरी है क्योंकि कुरान एक किताब नहीं बल्कि दुनिया में जीने का तरीका और लोगों के लिए राहे हिदायत है।
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