अम्बेडकरनगर:जिलाधिकारी के निर्देश पर पुन्थर पहुँची एनएच-233 व स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीम बिना किसी निर्णय के बैरंग लौट गई। राष्ट्रीय राजमार्ग के नक्शे व अधिग्रहण की गई भूमि में काफी अंतर होने के कारण प्रशासन सहित कार्यदायी संस्था को भी पसीना छूट रहा है।
विकास खण्ड टाण्डा के रामपुर कला व पुन्थर से हो कर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 233 विवाद में उलझ गया है। एक,तरफ
जहां किसान अपनी भूमि का उचित मुआवजा मांगते हुए प्रदर्शन कर रहे थे वहीं एक बड़ा मामला सामने आ गया है। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के निर्देश पर आज तहसीलदार टाण्डा के नेतृत्व में चकबंदी विभाग, स्थानीय लेखपाल व निर्माण कार्यदायी संस्था के अधिकारी संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण के लिए पहुँचे। स्थलीय जांच से पता चला कि रामपुर कला की सड़क और पुन्थर की सड़क के बीच 22 मीटर का फर्क आ रहा है जबकि सड़क को सीधा करने के उद्देश्य से अधिकारियों ने बिना गजट की भूमि को अधिग्रहण कर लिया है और अगर गजट की भूमि अधिग्रहण की जाती है तो सड़क में 22 मीटर का मोड़ आ जायेगा। एनएच-233 के टेक्निकल मैनेजर वाईए सिंह ने बताया कि सड़क का नक्शा दिल्ली में बैठे अधिकारी बनाते है जबकि स्थलीय मामला काफी फर्क है। किसानों का कहना है कि बिना अधिग्रहण की गई भूमि का मौजूदा समय के अनुरूप मुआवजा दिया जाए। मौके पर पहुंचे टीम किसानों को संतुष्ट नहीं कर सकी और टीम व किसानों के बीच हल्की नोक झोक होती रही। आखिरकार जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंची संयुक्त टीम बिना किसी निष्कर्ष के बैरंग लौट गई।
बहरहाल दिल्ली में कागजों पर खिंची गई लकीरों के अनुरूप एनएच-233 निर्माण का सपना पूरा करने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला व कार्यदायी संस्था जुटी हुई है लेकिन मौके पर मौजूद बिना गजट की भूमि पर अधिग्रहण करने से किसानों में नाराजगी चल रही है। अगर बिना गजट के अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा किसानों को समय से मिल जाये तो राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में तेज़ी आ सकती है।
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