रिपोर्टर ओमकार पांडेय
अम्बेडकरनगर। मलमास माह में श्रीकृष्ण कथा के आयोजन व श्रवण से जो पुण्य प्राप्त होता है वह कभी और नही मिल पाता। कारण कि मलमास माह में भगवान का पृथ्वी पर वास होता है और भगवान को श्रीमद्भागवत कथा सबसे ज्यादा प्रिय है। यह बातें बसखारी के निकट हरसम्हार गांव में पंडित श्री जैबीषब्य त्रिपाठी के यहाँ आयोजित सात दिवसीय कलिमल हरन श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ करते हुए आचार्य श्री बलराम द्विवेदी जी ने कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ऐसी महान कथा है जिससे मन को शांति व जीवन को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। कथा का समापन करते हुए आचार्य श्री सचीन्द्र धर द्विवेदी जी ने कहा कि इस कथा को सुनने मात्र से ही जीवन के सारे पाप एक क्षण में समाप्त हो जाते हैं व जीवन को एक नयी दिशा व निर्देश प्राप्त होता है। कथा उपरान्त एक भव्य विशाल भंडारा हरसम्हार में ही 6 जून को ही आयोजित किया गया है।
अम्बेडकरनगर। मलमास माह में श्रीकृष्ण कथा के आयोजन व श्रवण से जो पुण्य प्राप्त होता है वह कभी और नही मिल पाता। कारण कि मलमास माह में भगवान का पृथ्वी पर वास होता है और भगवान को श्रीमद्भागवत कथा सबसे ज्यादा प्रिय है। यह बातें बसखारी के निकट हरसम्हार गांव में पंडित श्री जैबीषब्य त्रिपाठी के यहाँ आयोजित सात दिवसीय कलिमल हरन श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ करते हुए आचार्य श्री बलराम द्विवेदी जी ने कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ऐसी महान कथा है जिससे मन को शांति व जीवन को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। कथा का समापन करते हुए आचार्य श्री सचीन्द्र धर द्विवेदी जी ने कहा कि इस कथा को सुनने मात्र से ही जीवन के सारे पाप एक क्षण में समाप्त हो जाते हैं व जीवन को एक नयी दिशा व निर्देश प्राप्त होता है। कथा उपरान्त एक भव्य विशाल भंडारा हरसम्हार में ही 6 जून को ही आयोजित किया गया है।
Post A Comment:
0 comments so far,add yours