अंबेडकरनगर, 30 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी द्वारा लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाये जाने की जोरदार तैयारियों के बीच उसमें घमासान मच गया है ।पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा द्वारा ऑल इंडिया उलेमा मुसद्दस बोर्ड के फाउंडर व 175 देशों के वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयर पर्सन हजरत मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ किछौछवी को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किये जॉने व उन्ही की पार्टी के एक पूर्व मंत्री द्वारा इस सम्मान समारोह में अड़ंगा लगा दिए जाने के कारण माहौल गर्म हो गया है।समाजवादी पार्टी एक तरफ हजरत को सम्मानित कर अलग हो रहे अल्पसंख्यक मतों को सहेजने का सपना देख रही थी तो वंही स्थानीय राजनीति के चलते इस कार्यक्रम पर सवाल उठ जाने से सपा का ही एक वर्ग बेहद नाराज देखा जा रहा है। किछौछा के ही मूल निवासी हजरत मो असरफ का सम्मान समारोह चंद नेताओ की स्वार्थ परक राजनीति की बलि चढ़ जाने के कारण सूफी सम्प्रदाय को मानने वालों में गहरा आक्रोश है। सूत्रों की माने तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी हजरत से मिल चुके है और उनकी भी सहमति उन्हें सम्मानित करने को लेकर थी लेकिन अचानक सम्मान समारोह का कार्यक्रम स्थगित किये जाने से उनके अनुयायी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। बताया जाता है कि एक स्थानीय सपा नेता का किछौछा के नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि से प्रतिकूल सम्बन्धो के कारण ही हजरत को सम्मानित करने से मना किया गया है। यह सपा नेता टांडा के पूर्व विधायक का बेहद करीबी है और पूर्व विधायक के पूर्व मंत्री से निकट सम्बन्ध जग जाहिर हैं। समझा जा रहा है कि हजरत का सम्मान समारोह इन्ही सम्बन्धो की बलि चढ़ गया है। फिलहाल सपा में मचा यह घमासान आने वाले दिनों में क्या गुल खिलायेगा यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन एक वर्ग इस प्रकरण को राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष ले जाने को तैयार है । एक नेता का कहना है कि वह इसके बाद ही पार्टी में रहने या न रहने का निर्णय लेंगे।

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