मोकीम खान

अम्बेडकर नगर किछौछा। ईद को बस चंद रोज ही बाकी हैं.लेकिन ये देश की पहली ऐसी ईद होगी जिसमें लोग न तो मस्जिदों में नमाज पढ़ेंगे न किसी के घर जाएंगे न हाथ मिलाएंगे न गले मिलेंगे मुस्लिम धर्म गुरुओं ने इस पर रोक लगा दी है। मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना सैय्यद इरफ़ान ने ये भी अपील की है। कि ईद के बजट की आधी रकम लॉकडाउन से बेरोजगार हुए लोगों की मदद पर खर्च करें आप को बताते चले सैय्यद इरफ़ान सिर्फ धर्म गुरु नही बल्कि एक समाजसेवी भी है। देश मे कोरोना के प्रकोप से लोगो के बचने के लिए सरकार ने पूरे देश मे लॉक डॉउन लगा दिया जिससे लोगो की रोज़ी रोजगार सब बन्द हो गया जिससे ज्यादा तर परेशानी गरीब दिहाड़ी मजदूरों को हो रही है। मगर गरीबो की मदद के लिए लॉक डॉउन लगने के बाद सभी तरह की मुहैय्या सैय्यद इरफ़ान द्वारा होने लगी सैय्यद इरफ़ान ने बताया लॉक डॉउन के शुरुआती दौर में। दाल, चावल, आटा, प्याज़, मिर्चा, आलू, नमक, साबुन, आदि चीज़ो की मदद लोगो को डोर टू डोर बाट रहे है। उन्होंने ये भी बताया जब से रमज़ान शरू हुआ है। तब से रोजेदारों के लिए इफ़्तार बाट ने का काम कर रहे है। अब ईद के मौके पे। कपड़ा, सेवई, चीनी, आदि सामान अब तक दो हज़ार परिवारो की मदद कर चुके है। मौलाना सैयद इरफ़ान।
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