कासगंज हिंसा का तीसरा दिन, दो जगह आगजनी, 80 उपद्रवी गिरफ्तार



कासगंज में पिछले दो दिनों से जारी हिंसा की लपटें रविवार सुबह तक झुलसाती रहीं। सुबह तक आगजनी की दो छिटपुट खबरें आईं। इसके बाद शहर शांति की राह पर चल पड़ा। इस बीच, 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर डीजीपी ने असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने की बात कही है। हालांकि अभी भी तनाव बरकरार है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार देर रात घोषणा की कि सरकार कासगंज हिंसा में मारे गए युवक के परिजनों को 20 लाख रुपये मदद देगी।

रविवार की सुबह अमांपुर रोड पर कांच के गोदाम और नदरई गेट इलाके में खोखा में आग लगा दी गई। पुलिस ने पहुंचकर तुरंत आग पर काबू पा लिया। इसके बाद हरकत में आए पुलिस व प्रशासनिक अमले ने शांति की कार्रवाई शुरू की। शांति समिति की बैठक में पुलिस, प्रशासन की अपील पर दोनों समुदाय के लोगों ने दुकानें खोलीं और दोपहर में जनता ने अपनी जरूरतों का सामान खरीदा।

इस बीच, लखनऊ में प्रमुख सचिव (गृह) अरविन्द कुमार ने कहा कि दर्ज मुकदमों में अब तक कुल 31 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि 81 व्यक्तियों को निरोधात्मक कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कासगंज की घटना में रविवार तक कुल पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से तीन मुकदमे प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कासगंज ने दर्ज कराए हैं।

शांति कमेटी की बैठक में सहमति बनी
कासगंज में गणतंत्र दिवस से फैली हिंसा को शांत कर सौहार्द का माहौल बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने रविवार को पहल की। इस दौरान दोपहर में एक बजे पीस कमेटी की बैठक नगर पालिका में आयोजित की गई। बैठक में राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और धर्मगुरुओं को बुलाया गया। इस दौरान एडीजी आगरा अजय आनंद और अलीगढ़ के कमिश्नर सुभाष चंद शर्मा मौजूद रहे। बैठक में अधिकारियों ने सभी से कहा कि सभी लोग मिल कर शांति की बहाली की दिशा में काम करें। इस पर सभी ने रजामंदी देते हुए एक साथ हाथ मिलाकर एकता प्रदर्शित की।
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