अम्बेडकरनगर ।मदरसा जामिया बीबी सुल्ताँ खातून लिलबनात बसखारी में जश्ने विलादत हजरत अली के जन्म दिन के अवसर पर ऑल इंडिया नातिया मुशायरा शनिवार की रात्रि में मौलाना सैय्यद अनीस अशरफ की अध्यक्षता तथा मौलाना किस्मतुल्लाह सिकंदर पुरी के संचालन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ तिलावते कुरान पाक से हुआ दारुल उलूम महबूब यजदानी बसखारी के मौलाना मोहम्मद सिद्दीक सारिक ने संबोधित करते हुए कहा कि हजरत अली की विशेषता यह थी कि वह बहुत बड़े ज्ञानी और योद्धा थे उन्होंने अपना जीवन गरीब और बेसहारा लोगों के लिए कार्य किया। वह बहुत बड़े दयालु थे और उन्होंने जीवन भर सादा जीवन व्यतीत किया ।मदरसा जामिया बीबी सुलता खातून बसखारी के प्रबंधक सैय्यद अनीस अशरफ ने कहां कि जब भी मोहम्मद साहब हजरत अली को किसी अभियान पर भेजते तो कामयाबी उनके कदम चूमती थी।जंगे खैबर के अवसर पर हजरत अली ने अपने ढाल फेंककर किला के दरवाजे को उखाड़ा और उन्हें जंगे खैबर जंग जीत लिया। हज़रत अली के लिए रात में उपासना का विशेष महत्व था जब हर जगह रात्रि में अंधेरा फैल जाता था और संसार मौन धारण कर लेता था तो वह खुदा की इबादत में लीन हो जाते।सैय्यद अजीज अशरफ बसखारी ने कहा कि बच्चों में सबसे पहले ईमान लाने वाले हजरत अली थे।हजरत अली न्याय सत्य प्रेम एवं दयालुता के धनी थे। जिन्होंने आजीवन दूसरों का दुख बाटा। नातिया मुशायरा में शायरों ने पसंदीदा कलाम पेश किया  'वाह क्या खूब जलवा है मेरे सरकार का जर्रे जर्रे की हुकूमत मेरे सरकार की है'शायर अजहर प्रतापगढ़ी ने श्रोताओं को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया।हेलाल टाडवी ने शेर पढ़ा' कौन रोकेगा गला अहमद खुदा के पास जाने से, मैं चला जाऊंगा सरकार के पीछे-पीछे'। इसके अतिरिक्त शायर जैन अशरफी, औरंगाबादी, सगीर मुरादाबादी ,इरफान फतेहपुरी, किस्मत सिकंदर पूरी आदि लोगों ने कलाम पढ़ा। इस अवसर पर एस एम हबीब भोपाली सैय्यद आसिफ अशरफ, मौलाना सैय्यद अकील अशरफ, दारुल उलूम महबूब यजदानी बसखारी के प्रधानाचार्य मौलाना सरवर अली, अब्दुल रहीम, मौलाना रियाज अहमद ,नबील अख्तर ,नवाजी खालिद, असलम ,जावेद सिद्दीकी आदि लोग उपस्थित थे।
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