विश्व विख्यात धार्मिक स्थल किछोछा के दरगाह शरीफ में भारत से ही नही दुनिया के कोने कोने से लोग रूहानी इलाज़ के लिए आते है। हमेशा लाखो की तादाद में ज़ायरीन यहाँ रहते है और रूहानी इलाज़ करवाते है। इन ज़ायरीनो की देखभाल के लिए दरगाह में इंतेजामिया कमेटी भी है जिसका काम ज़रूरत मन्दो की मदद करना है।मगर अब लगता है की कमेटी का काम बदल गया है कमेटी के पदाधिकारी अब सिर्फ कोई नेता ,मंत्री या अधिकारी आये तो उसके आगे पीछे टहलते हुए नज़र आते है उसी वक़्त ये पता चलता है कि इंतेजामिया कमेटी के सदस्य सक्रिय है मगर इनके जाते ही कमेटी के सदस्य निष्क्रिय हो जाते है।पता ही नही चलता इंतेजामिया कमेटी है भी या नही है। गरीब ज़ायरीन जो कि बहुत ही परेशान होते है उनकी कोई सुनने वाला मौजूद ही नही रहता। शौचालय की कमी की वजह से दरगाह में महिलाये खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होती है और सभी के सामने शर्मिंदा होती रहती है।
विश्व विख्यात धार्मिक स्थल किछोछा के दरगाह शरीफ में भारत से ही नही दुनिया के कोने कोने से लोग रूहानी इलाज़ के लिए आते है। हमेशा लाखो की तादाद में ज़ायरीन यहाँ रहते है और रूहानी इलाज़ करवाते है। इन ज़ायरीनो की देखभाल के लिए दरगाह में इंतेजामिया कमेटी भी है जिसका काम ज़रूरत मन्दो की मदद करना है।मगर अब लगता है की कमेटी का काम बदल गया है कमेटी के पदाधिकारी अब सिर्फ कोई नेता ,मंत्री या अधिकारी आये तो उसके आगे पीछे टहलते हुए नज़र आते है उसी वक़्त ये पता चलता है कि इंतेजामिया कमेटी के सदस्य सक्रिय है मगर इनके जाते ही कमेटी के सदस्य निष्क्रिय हो जाते है।पता ही नही चलता इंतेजामिया कमेटी है भी या नही है। गरीब ज़ायरीन जो कि बहुत ही परेशान होते है उनकी कोई सुनने वाला मौजूद ही नही रहता। शौचालय की कमी की वजह से दरगाह में महिलाये खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होती है और सभी के सामने शर्मिंदा होती रहती है।
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