अम्बेडकरनगर। ब्यरो

कुछ दिनों पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी द्वारा एक मुस्लिम नेता पर की गई टिप्पड़ियों पर सवाल किया गया तो आल इंडिया बज़्मे-अशरफ़ के अध्यक्ष और मासिक पत्रिका सूफ़िये-मिल्लत के चीफ एडिटर श्री सैयद हैदर किछौछवी ने कहा जिस कांग्रेस ने अयोध्या में मूर्ति रखवाई उसी कांग्रेस को मुसलमानों की हमदर्द बता कर और बीजेपी का डर दिखा कर कांग्रेस की दलाली करने वाले मौलाना अब होश में आ जाये क्योंकि मुस्लिम समाज उनकी 70 सालो से चली जाने वाली इस चाल को समझ चुका है अब उनकी दुकान बंद होने वाली है.

क्योंकि आज का मुसलमान जहाँ चाहेगा जैसे चाहेगा और जिस पार्टी में उसको अपना भविष्य अच्छा नज़र आएगा उसके साथ नज़र आएगा, इसलिए किसी ने मूर्ति रखवाकर मुसलमानों को डराने की कोशिश की तो किसी ने कुछ हिन्दू भाइयों पर गोली चलवाकर मुसलमानों को डरा कर अपनी तरफ करने की कोशिश की.

उलेमा का काम दीनी मसाइल का हल और तब्लीघे दीन है उसी को अंजाम देना चाहिए, जिसे अल्लाह चाहे वही कामयाब हो सकता है ऐसे कहने वाले मौलाना अब बंदे को कामयाबी से रोकने के लिए सामने आ गए।

सैयद हैदर ने कहा कि किसी भी इंसान या किसी भी राजनीतिक पार्टी की मुखालफत करना किसी भी तरह से इस्लाम का हिस्सा नहीं है। एक तरफ मुसलमानों की तरक्की की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ एक मुसलमान को कामयाब नहीं होने देंगे, तो फिर यह कौन सा इस्लाम है। उन्होंने कहा कि मैं तो आग्रह करूँगा की अयोध्या का विवादित मुद्दा चिंता का विषय है सारे मुस्लिम विद्वानों को मिलकर इस पर गोष्ठी आयोजित कर के तमाम तथ्यों को सामने रखते हुए इस्लामी कानून और शरई नुक्ते नज़र इस पर विचार करना चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए जिससे मुस्लिम समाज सही और सटीक तथ्यों से अवगत हो और हमारी एकता, अखंडता और भाईचारे को कोई ख़तरा ना उत्पन्न हो.

सैयद हैदर ने कहा कि मौलानाओं को अपनी राजनीतिक दुकान बंद होते दिखाई दे रही है, इसलिए घबरा रहे हैं। इन मौलानाओं ने पिछले 70 साल से मुसलमानों को इस पर डराया कि अगर महफूज रहना है, तो कांग्रेस के साथ रहिए अब ये नही चलेगा.

आज का मुसलमान तरक़्क़ी पसंद और नौजवान दो वक्त की रोटी के लिए आगे बढ़ रहा है उसका फायदा जिसमे होगा वही करेगा.
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