संवाददाता मोकीम खान


किछौछा। आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैयद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने मुंबई में मुफ़्ती सलमान अज़हरी की गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बात बिल्कुल सही है। कि नफ़रत की बोली ख़तरनाक है। और देश के लिए बहुत हानिकारक लेकिन एकतरफ़ा कार्यवाही सीधे तौर पर नाइंसाफ़ी की तरफ़ इशारा करती है।

श्री अशरफ ने कहा कि मुफ़्ती सलमान अज़हरी पर जिस तरह से क़ानूनी शिकंजा कसा गया है। उससे सीधे तौर पर संदेश जाता है। कि एक विशेष समुदाय के लिए ही सभी विधि विधान हैं। और बाक़ी सबको नफरती बोल बोलने की पूरी स्वतंत्रता यह न्याय नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाषा की मर्यादा बरकरार रखनी चाहिए और ख़ास तौर से एक धर्म गुरु की यह बड़ी ज़िम्मेदारी है। कि उसके शब्दों का चयन संसदीय हो। ताकि किसी समुदाय या किसी व्यक्ति विशेष को चोट न पहुँचे लेकिन यह बात सिर्फ़ एक धर्म विशेष के लिए नहीं अपितु सभी के लिए समान रूप से लागू है।

आगे उन्होंने लोगों से संयम बनाये रखने की अपील करते हुए कहा है। कि हमें होश से काम लेना चाहिये कहीं ऐसा न हो कि हमारे एक बहके हुए क़दम से नफ़रत के सौदागरों को फ़ायदा मिल जाये और हम उनके फेंके हुए जाल में फँस जायें, हमें अदालतों पर भरोसा करते हुए मुफ़्ती सलमान अज़हरी की मदद करनी चाहिए क्योंकि अब मामला न्यायालय के हाथ में है। अतः किसी धरने प्रदर्शन से या किसी भड़काऊ पोस्ट से माहौल ख़राब होगा और इससे मुफ़्ती सलमान की परेशानी बढ़ेगी हम अनजाने में उनकी मदद की जगह उनकी मुख़ालिफ़त कर बैठेंगे

उन्होंने बल देकर कहा कि हम एक तरफ़ा कार्यवाही की निंदा करते हैं। और भारत सरकार से इस प्रकरण में सीधे हस्तक्षेप की माँग करते हैं। आख़िर यह कैसे संभव है। कि एक कविता के कुछ अंश पर एक व्यक्ति को जेल में डाल दिया जाये वहीं दूसरी और एक धर्म विशेष के लोगों और उस धर्म को गाली देने वाले लोग रोज़ ज़हर उगलते रहें सरकार को ऐसे ज़हरीले लोगों की ज़ुबान पर लगाम लगानी चाहिए।

मुफ़्ती सलमान अज़हरी कोई अपराधी नहीं हैं। जिन्हें गिरफ़्तार करने में इतनी हड़बड़ी की गई हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जल्द ही न्यायालय मुफ़्ती सलमान को ज़मानत देगा और उनकी रिहाई होगी तब तक लोगों को संयम से काम लेना चाहिए वहीं सरकार को यह भी समझना चाहिए कि यदि इसी प्रकार से एकतरफ़ा कार्यवाही होगी तो लोगों में अविश्वास की भावना पनपेगी जो एक तरफ़ हमारे  सांप्रदायिक सौहार्द को गहरा आघात पहुँचायेगी वहीं देश के विकास को भी अवरुद्ध करेगी क्योंकि अन्याय का शासन लोगों को बाग़ी बना देता है। इसलिए सरकार को न्याय संगत कार्यवाही करनी चाहिये।

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